SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
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Case posted by | NDMJ - Himachal Pradesh |
Case code | HP-22-12-2020 |
Case year | 29-Nov-2020 |
Type of atrocity | Other Crimes Against SCs |
Whether the case is being followed in the court or not? | No |
Fact finding date | Not recorded |
Case incident date | 29-Nov-2020 |
Place | Village: Not recorded Taluka:Not recorded District: UNA(DP) State: Himachal Pradesh |
Police station | BANGANA |
Complaint date | 24-Dec-2020 |
FIR date | 31-Dec-1969 |
यह घटना जिला ऊना की तहसील बंगाणा के गांव घनेटी की है. यह गांव ऊना मुख्यालय से 35 कि०मी० की दुरी पर है. राज्य हिमाचल में जातिय व्यवस्था पर आधारित छुआछूत की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है भारत को आज़ाद हुए 70 वर्ष के करीब हो गए है पर ऐसी घटिया मानसिकता रखने वाले लोग आज भी समाज में मौजूद है. घटना सिथित इस गांव में चमार जाति के 1 घर, कबीर पंथी जाति के 4 घर, वाती(OBC) जाति के 5 घर, ब्राहमण जाति के 4 घर, है इस गांव में 1 प्राइमरी है इस गांव में डिस्पेंसरी भी है व् पानी की भी कोई समस्या नहीं है.
इस गांव में खड (नदी) के किनारे हाकमी देवी पत्नी स्व: अछर राम रहती है जिसकी उम्र लगभग 70 वर्ष के करीव है जो की अनुसूचित जाति से सम्बंधित है सन 1976 में इंदिरा आवास योजना के तहत हाकमी देवी के पति अछर राम को सरकार की तरफ से 10 कनाल रकवे का पलाट मिला है जिसका खसरा न० 667 है यह जमींन बंजर व जंगली झाड़ियों से भरी पड़ी थी जो की हाकमी देवी व उसके पति ने अपनी मेहनत से आवाद की है और अपना घर बनाया है हाकमी देवी के दो पुत्र है जो उसी के साथ रह रहे है. बड़ा बेटा जंगलात कारपोरेशन में है और छोटा मजदूरी करता है दोनों शादी शुदा है व अपने अपने परिवार सहित हाकमी देवी के साथ ही रह रहे है. लेकिन गांव के ही राजकुमार सपुत्र रोशन लाल जो की IPH में वेलदार व इसके भाई परिवार मिलकर जबरन हाकमी देवी के साथ लगती सरकारी ज़मीन जिसका खसरा नंबर 607 है को जोत रहे है और मौसम अनुसार फसल बीज देते है और जबरन हाकमी देवी के घर का रास्ता बाड लगा कर बंद कर देते है क्योंकि हाकमी देवी के लिए आने जाने का रास्ता इसी सरकारी जमीन से है पर राजकुमार जबरन इस जामीन को जोत देता है और कोई ना कोई फसल बीज कर बाड लगा देता है. जब हाकमी देवी व उसका परिवार इसका विरोध करता है की यह तो सरकारी जमीन है और रास्ता है तो राजकुमार व उसके भाई परिवार वाले सब मरने मारने पर उतारू हो जाते है इस बारे कई बार हाकमी देवी ने पटवारी व तहसीलदार बंगाणा से प्राथना कर रास्ता खुलवाया हैं पर आज दिनाक तक कोई कार्यवाही राजकुमार व उसके परिवार खिलाफ न हुई है और न ही रास्ते को पक्का किया गया है.