
SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
Type ATM < your message > Send to 9773904050
]
| Case posted by | NCDHR- NDMJ, Himachal Pradesh |
| Case code | HP-10-02-2024 |
| Case year | 10-Feb-2024 |
| Type of atrocity | Abuses by caste name in any place within public view |
| Whether the case is being followed in the court or not? | No |
| Fact finding date | Not recorded |
| Case incident date | 10-Feb-2024 |
| Place | Village: Not recorded Taluka:Not recorded District: UNA(DP) State: Himachal Pradesh |
| Police station | CHINTPURNI |
| Complaint date | 10-Feb-2024 |
| FIR date | 15-Jul-2024 |
यह घटना जिला ऊना, तहसील अंब, उप-तहसील भरवाई, गांव व डाकघर धर्मशाला महंता की है। इस गांव में दलित समाज से बलवंत सिंह पुत्र श्री रुलिया राम रहते हैं, जो एक समाजसेवी व्यक्ति हैं। वर्ष 2018 में बलवंत सिंह ने अपने गांव में 37 कनाल भूमि खरीदी, जिसमें आधी भूमि कृषि योग्य है और आधी जंगल के रूप में है। वर्ष 2020-21 में उन्होंने यह भूमि अपने इकलौते पुत्र पवनजीत सिंह के नाम कर दी, जबकि मुख्तयार-ए-आम (पावर ऑफ अटॉर्नी) अपने पास रखा। भूमि विक्रेताओं ने बिक्री के समय भूमि का सीमांकन बता दिया था और उसके बाद बलवंत सिंह ने दस्तावेज़ अनुसार भूमि का कब्जा लेते हुए चारों ओर कांटेदार तार लगवा दी।
भूमि खरीद के कुछ समय बाद ही, वर्ष 2018 में गांव की पुष्पा देवी पत्नी स्वर्गीय रूप चंद, जाति ब्राह्मण, तथा उसके दोनों पुत्र राजकुमार और उपिंदर ने बलवंत सिंह की ज़मीन से कांटेदार तार उखाड़कर अपने घर ले गए। इसके बाद जनवरी 2019 में इन्हीं लोगों ने बलवंत सिंह की भूमि पर लगे बांस (बम्बू) के पेड़ों का झुंड मजदूर लगवाकर और स्वयं मिलकर काट लिया। चूंकि बलवंत सिंह का घर भूमि से लगभग 1 किमी दूर था, इसलिए उन्हें इसकी जानकारी कुछ दिन बाद मिली। इस बाबत बलवंत सिंह ने 10.01.2019 को पुलिस में शिकायत दी, लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई, क्योंकि दोषियों का कहना था कि भूमि उनकी है, जबकि ऐसा नहीं था।
इसके बाद बलवंत सिंह ने अपनी भूमि खसरा नं. 1172, 1178 और 1166 की 19.11.2019 तथा 23.07.2021 को राजस्व विभाग के अधिकारियों से निशानदेही करवाई। खसरा नं. 1172 और 1178 की निशानदेही पूरी होने के बाद जब खसरा नं. 1166 की निशानदेही शुरू हुई तो पुष्पा देवी एवं उसके परिवार ने विरोध किया और कहा कि वे स्वयं निशानदेही करवाएंगे, जो कि अब तक नहीं करवाई गई। जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि जिस भूमि (खसरा नं. 1172 और 1178) को पुष्पा देवी व उसका परिवार अपना बता रहे थे, वह राजस्व विभाग की निशानदेही में गलत पाई गई और वास्तविक स्वामित्व पवनजीत सिंह (पुत्र बलवंत सिंह) का ही सिद्ध हुआ।
दिनांक 17.03.2021 को पुष्पा देवी, उसके पुत्र राजकुमार और उपिंदर ने खसरा नं. 1172 और 1178 में से बलवंत सिंह की भूमि पर लगे आठ खैर (कत्था) के पेड़ काट लिए। बलवंत सिंह ने इसकी शिकायत थाना चिंतपूर्णी में दी, परंतु पुलिस ने चोरी का मामला दर्ज करने के बजाय केवल सामान्य धाराओं 341, 347, 34 IPC में मामला दर्ज किया। इन आठ खैर के पेड़ों की कीमत लगभग ₹50,000 थी, जबकि वन विभाग के अधिकारियों ने इसका मूल्यांकन मात्र ₹17,290/- बताया। बाद में जब पुलिस रिपोर्ट प्राप्त हुई तो उसमें यह दर्ज था कि ठेकेदार ने दोनों पक्षों को पैसे दे दिए हैं और उसे यह जानकारी नहीं थी कि भूमि किसकी है। जबकि राजस्व दस्तावेज़ और निशानदेही के अनुसार भूमि का स्वामित्व पवनजीत सिंह का ही है।
हाल ही में, दिनांक 23.03.2024 को बलवंत सिंह ने अपनी भूमि खसरा नं. 1178 पर लगे बांस के पेड़ों का झुंड ठेकेदार को बेच दिया। ठेकेदार ने जब 35-40 बांस काट लिए, तभी पुष्पा देवी वहां पहुंची और ठेकेदार को जबरन रोक दिया तथा दावा किया कि यह भूमि और पेड़ उसके हैं। इस बाबत जब बलवंत सिंह लगभग दोपहर 1:30 बजे एक व्यक्ति को साथ लेकर पुष्पा देवी के घर पहुंचे और पूछताछ की, तो पुष्पा देवी ने बलवंत सिंह को अश्लील और जातिसूचक गालियां देते हुए कहा – “कुत्तेया चमारा, तेरा जीना हराम कर दूंगी, तुझे बताऊंगी कि ब्राह्मण की जमीन कैसे खरीदी जाती है।”
इस घटना के बाद बलवंत सिंह ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 1100 पर दर्ज करवाई। पुलिस ने दो बार दूरभाष पर सम्पर्क अवश्य किया, लेकिन आज तक इस संबंध में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।