
SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
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| Case posted by | NCDHR- NDMJ, Himachal Pradesh |
| Case code | HP-10-09-2025 |
| Case year | 29-Aug-2025 |
| Type of atrocity | SC/ST (POA) Act |
| Whether the case is being followed in the court or not? | No |
| Fact finding date | Not recorded |
| Case incident date | 29-Aug-2025 |
| Place | Village: Not recorded Taluka:Not recorded District: HAMIRPUR(DP) State: Himachal Pradesh |
| Police station | BADSAR |
| Complaint date | 29-Aug-2025 |
| FIR date | 01-Jan-1970 |
यह घटना जिला हमीरपुर की तहसील बड़सर के गांव ननावां की है। इस गांव में लगभग 51 वर्षीय व्यक्ति प्यारस्पुत्र स्व।रत्न चंद, निवास करता हैं। प्यार चन्द मजदूरी का काम करता है। प्यार चन्द तीन भाई है एक भाई दूकान करता है और एक फौज से सेवानिर्वित है।
प्यार चन्द की माता जिसका नाम अमरो देवी उम्र 76 वर्ष की थी। अमरो देवी कैंसर की बिमारी से पीड़ित थी उसका इलाज़ हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर के एम्स अस्पताल में चल रहा था। दिनाक 29/08/25 को सुबह 8 बजे प्यार चन्द की माता अमरो देवी की एम्स अस्पताल में मृत्यु हो गई। प्यार चन्द व उसका परिवार अमरो देवी का मृत शरीर लेकर करीब 10 बजे अपने गांव निवास स्थान ननावां में लेकर आ गए। उस दिन लगातार भारी बारिश हो रही थी।
ननावां गांव में दलित समाज के करीब 40 घर है और इनको शव जलाने के लिए खड्ड (बरसात का नाला) में लेकर जाना पड़ता है। उस दिन भारी बारिश के चलते खड्ड में काफी पानी आया हुआ था और वहां पर शव जलाना मुमकिन नहीं था इसलिए प्यार चन्द के चचेरे भाइयों व अन्य सभी ने ननावां के ग्राम पंचायत के प्रधान से कहा की आप खड्ड के बिलकुल साथ लगते गांव भेवड के प्रधान से बात करो की बारिश के कारण हम अमरो देवी का संस्कार आपके शमशान घाट में करना चाहते हैं क्योंकि व शमशान घाट खड्ड के साथ ही है और सरकारी ज़मीन पर बना है व वहा पर शव जलाने के लिए शैड भी बनी हुई है।
जब ननावां गांव के प्रधान ने भेवड गांव के प्रधान से बात करी तो उन्होंने ने साफ़ मना कर दिया की गांव वासी शमशान घाट में शव जलाने को मना कर रहे है क्योंकि व सारा गांव जाटों व राजपूतों का है। प्यार चन्द व उसका परिवार और सभी साग सम्बन्धी भरी बारिश में अमरो देवी का शव लेकर भेवड गांव के शमशान घाट में आ गए। वहाँ मौका पर जाट समाज से 7-8 लोग आ गये जिनमे मुख्य रूप से बर्फी व विक्रम सिंह थे उन्होंने गुस्से कहा की आप हरिजन लोग यहाँ शव नहीं जला सकते आप जाके खड्ड में ही जलाओ। आप हरिजन लोग खड्ड में ही जलाते है वहीँ पर जलाओ इसके साथ ही वे जाट लोग सब गाली गलोच पर उतारू हो गए।
मौका पर प्यार चन्द व उसके परिवार ने थाना बडसर से SHO को बुलाया लेकिन बर्फी व विक्रम सिंह के साथ साथ अन्य जाट समुदाय के लोग SHO पर दबाव बनाने लगे कि शव यहाँ पर नहीं जलेगा। फिर प्यार चन्द के परिवार ने SDM बडसर को फोन करा तो उन्होंने मौका पर तहसीलदार को भेजा फिर तहसीलदार ने जबरन 3 घंटे की मशक्त के बात अमरो देवी का शव जलवाया।