SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
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Case posted by | NDMJ - Himachal Pradesh |
Case code | HP-21-03-2021 |
Case year | 17-Mar-2021 |
Type of atrocity | Abuses by caste name in any place within public view |
Whether the case is being followed in the court or not? | No |
Fact finding date | Not recorded |
Case incident date | 17-Mar-2021 |
Place | Village: Not recorded Taluka:Not recorded District: UNA(DP) State: Himachal Pradesh |
Police station | UNA SADAR |
Complaint date | 17-Mar-2021 |
FIR date | 17-Mar-2021 |
यह घटना जिला ऊना की तहसील बस्तेहडा के गांव नंगडा फतेपुर की है यह गांव जिला मुख्यालय से 09 कि०मी० की दुरी पर है राज्य हिमाचल में जातिय व्यवस्था पर आधारित छुआछूत की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है भारत को आज़ाद हुए 70 वर्ष के करीब हो गए है पर ऐसी घटिया मानसिकता रखने वाले लोग आज भी समाज में मौजूद है. घटना सिथित इस गांव में चमार जाति के 45 घर, राजपूत जाति के 10 घर, तरखान जाति के 20 घर, ब्राहमण जाति के 60 घर, बाती OBC जाति के 400 घर, खत्री जाति के 7 घर व लोहार जाति के 7 घर. ज़ीर जाति के 5 घर, डाम 10 घर है. इस गांव में चमार जाति में शिव राम भाटीया स्पुत्र स्व: बारू राम रहता है जिसकी उम्र 63 वर्ष है. वह 2017 में यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया से रीटाइरड हुए है. इनके पांच बच्चे है 4 लड़के और एक लड़की सभी शादी शुदा है. शिवराम भाटीया अपने घर में अपने चारों बच्चों व् उनके परिवारों के साथ इक्कठे एक ही परिवार में रहते है उनका सबसे बड़ा बेटा नरेश भाटिया जो की HDFC बैंक गगरेट में सीनियर मैनजर के रूप में कार्यरत है बाकी तीन बेटे अपना अपना व्यवसाय चला रहे है.
शिवराम भाटिया के घर से दुसरे गांव में करीब 500 मीटर की दुरी पर अमर नाथ स्पुत्र रत्न चन्द जाति तरखान (OBC) रहता है जो कि शिवराम भाटीया का काफी करीबी मित्र था और उसके साथ शिव राम भाटिया के बहुत लम्बे समय से पारिवारिक सम्बन्ध रहे है अमर नाथ की पत्नी माया देवी ने गहरे विश्वासनीय रिश्ते के तहत शिवराम भाटीया को कहा की उसके मायके में उसकी माँ व् बहन के इलावा उसका कोई भी ना है और उनकी 75 मरले ज़मीन है जो कि बेचना चाहते है वह इसके बाद 2016 के मई महीना में अमर नाथ व उसकी पत्नी ने शिवराम भाटीया के साथ अपनी ज़मीन का सौदा किया उस ज़मीन का कुल रकवा 75 मरले का है जो की 40 हज़ार रूपये मरला के हिसाब से तय हुआ इसके बाद अमर नाथ ने कहा की मुझे कुछ पैसों की अभी जरुरत है बाकि मैं जरुरत के हिसाब से आपसे पैसे लेता रहूंगा. व् शिवराम भाटीया को ज़मीन दिखा कर ज़मीन का कब्ज़ा दे दिया शिवराम भाटीया ने काफी पैसा खर्च करके उस ज़मीन का लेवल बनाया उसके बाद अमर नाथ ने शिवराम भाटीया से 3 साल में कुल 23 लाख 25 हज़ार की रकम थोड़े थोड़े पैसों के रूप में ले ली है इस ज़मीन का लेवल करने के बाद पता चला की ज़मीन के लिए बताया गया रास्ता जो है वो विवादित है पर जब अमर नाथ से बात की गई तो उसने कहा की रस्ते की जिमेदारी मै लेता हु आपको रास्ता मैं दिलाऊंगा इसी भरोसे के चलते शिव राम भाटीया ने उसको 3 साल के भीतर 23 लाख 25 हज़ार की रकम दे डाली पर अंत समय तक अमर नाथ गुमराह करता रहा कि मैं आपको रास्ते की समस्या हल कर दूंगा अगर न हो सका तो मैं अपनी फतेपुर की ज़मीन बेच कर आपके पैसे वापिस कर दूंगा. और जिस बजह से ज़मीन की रजिस्ट्री ना हो पाई है.
जब शिवराम भाटिया ने करीब 10 महीने पहले अमर नाथ व उसके परिवार से बात करी की वह ज़मीन की रजिस्ट्री करवाये तो अमर नाथ ने अपने बड़े बेटों के साथ मिलकर मना कर दिया की हमें सिर्फ 25 हजार रूपये आये है इसलिए हम कोई ज़मीन नहीं देंगे उसके बाद शिव राम भाटिया ने इनके कई रिश्तेदारों व पड़ोसियों से बात की और कई बार इसके गांव के मुखिया लोगों को इस घटना बारे बताया और अमर नाथ के घर पर भी शिव राम भाटिया अपने बड़े बेटे और पत्नी सहित बहुत बार इसके घर पर गए और ज़मीन के लेन देन और पैसो बारे बात की पर अमर नाथ ने उसके बेटों ने साफ़ मना ही किया की हम कोई ज़मीन नहीं देंगे और ना ही हमें कोई पैसे आये है सिर्फ 25000/- के इलावा. फिर इसके बाड शिव राम भाटीया ने अपनी व उनकी पंचायत से भी इस घटना बारे बात करी. पर सब जगह उन्होंने मना ही किया.
जब 17/3/21 को करीब सुबह 9 बजे शिवराम भाटीया अपने घर से 150 मीटर दूर अपने खेत में अपने बेटे अनुराग के साथ काम कर रहा था तो अचानक वहां पर अमर नाथ का बेटा प्रीतम उर्फ़ लोंगु आ गया और शिवराम भाटीया के साथ गाली गलोच करने लगा और उसने अपने ओर अन्य चार भाइयों शमशेर, रजत, सुरजीत, यशपाल को भी बुला लिया व् जब पांचों शिवराम भाटीया के साथ मारपीट करने लगे तो शिवराम भाटीया का बेटा अनुराग जो की खेत की दूसरी तरफ था वो भी आ गया तब शमशेर व् उसके भाइयों ने गालियाँ निकालते हुए कहा की तुम हमारे रिश्तेदारों में बेज़ती कर रहे हो कुत्ते चमारों सालो तुमने हमारा कर लिया इसके बाद शमशेर ने एक पत्थर शिवराम भाटीया के सर पर दे मारा जिसके तहत उनको अंदरूनी चोट लगी और पांचों शिवराम भाटीया व उनके बेटे अनुराग को पीटने लगे फिर शिवराम भाटीया के घर में पता चला तो विच बचाब में घर परिवार व् गांव वासियों सहित सब आ गये तब मौका से पाचों और उनके साथ आये अज्ञात 4 से 5 लोग वहा से भाग गए. फिर शिवराम भाटीया ने मेहतपुर पुलिस चौकी में अपनी शिकायत दर्ज करवाई उसके बाद पुलिस ने शिवराम भाटीया व् उनके बेटे अनुराग का मेडिकल करवाया जिस वजह से शिव राम भाटिया को 4 दिन अस्पताल ऊना में दाखिल रहना पडा. पर FIR होने उपरांत भी अभी तक दोषी गिरफ्तार नहीं हुये हैं.