SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
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Case posted by | NDMJ - Himachal Pradesh |
Case code | HP-05-10-2020 |
Case year | 26-Sep-2020 |
Type of atrocity | Other Crimes Against SCs |
Whether the case is being followed in the court or not? | No |
Fact finding date | Not recorded |
Case incident date | 26-Sep-2020 |
Place | Village: Not recorded Taluka:Not recorded District: UNA(DP) State: Himachal Pradesh |
Police station | BANGANA |
Complaint date | 10-Aug-2020 |
FIR date | 31-Dec-1969 |
यह घटना जिला ऊना की तहसील बंगाणा के गांव सोहारी की है. यह गांव ऊना मुख्यालय से 40 कि०मी० की दुरी पर है. राज्य हिमाचल में जातिय व्यवस्था पर आधारित छुआछूत की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है भारत को आज़ाद हुए 70 वर्ष के करीब हो गए है पर ऐसी घटिया मानसिकता रखने वाले लोग आज भी समाज में मौजूद है. घटना सिथित इस गांव में पंझडा (डॉम) SC जाति के 10 घर, चमार जाति के 60 घर, राजपूत जाति के 4 घर, सन्यार जाति के 50 घर, ब्राहमण जाति के 2 घर, जट जाति के 70 है इस गांव में 2 प्राइमरी व एक +2 तक हाई स्कुल है इस गांव में डिस्पेंसरी भी है व् पानी की भी कोई समस्या नहीं है.
इसी गांव में दलित चमार जाति में से राम रथ स्पुत्र नानकु रहता है जिसकी उम्र लगभग 62 साल की है वह शास्त्री मास्टर के पद से सरकारी स्कुल में से रीटाइड हुआ है. उसका एक बेटा है जो की अपनी कालेज की पढ़ाई कर रहा है. राम रथ की लगभग 1 किल्ला यानी 10 कनाल के आस पास खेती की जमीन सोहारी गांव में है. रामरथ ने अपने खेतों में मक्की की फसल बीज रखी थी मक्की की फसल निकालने के बाद कुल 700 के करीब टंडा (मक्की घास) के बण्डल अपने खेत में रख दिए जिनको 26.09.20 को रात 11 बजे के करीब गांव के ही राजपूत जाति से सम्बंधित अजय परमार स्पुत्र जगदेव सिंह ने आग लगा दी. रात को हिमांशु परमार ने राम रथ को फोन किया की आपका टंडा (मक्की घास) के बण्डल को आग लग गई है जल्दी आओ जब रामरथ ने देखा तो सारा टंडा (मक्की घास) के बण्डल जल कर राख हो गए थे रामरथ को हिमांशु परमार ने बताया की यह आग लगाने का काम अजय परमार ने किया है जब अजय परमार से इस बारे पूछा गया तो उसने बताया की मै बीडी पी रहा था और उस तरफ पेशाब करने गया तो आग लग गई तुम कर लो क्या करना है
रामरथ ने 27.09.20 को पुलिस चौकी जोल में इस घटना की लिखित शिकायत दी पुलिस ने अजय परमार को बुलाया और पूछा वहा पर अजय परमार ने अपनी गलती को माना और 10 हजार नुक्सान राशि देने को कहा और अपनी गलती को राजीनामा तौर पर लिखित में माना. इस घटना का पुलिस चौकी जौल में ही राजीनामा हो गया है.