SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
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Case posted by | NDMJ |
Case code | MP-BPL-01-21 |
Case year | 13-Dec-2021 |
Type of atrocity | SC/ST (POA) Act |
Whether the case is being followed in the court or not? | No |
Fact finding date | Not recorded |
Case incident date | 13-Dec-2021 |
Place | Village: Not recorded Taluka:Not recorded District: BHOPAL NORTH(DP) State: Madhya Pradesh |
Police station | GANDHINAGAR |
Complaint date | 13-Dec-2021 |
FIR date | 13-Dec-2021 |
भारत सिंह पिता शैतान सिंह निवासी ग्राम - पिप्ल्या पाड़ा, थाना कल्याणपुरा, जिला - झाबुआ कक्षा 11वीं का छात्र भोपाल मे मजदूरी कर रहे अपने माता - पिता के पास कुछ दिनों के लिये आया था, जहां वह पिता की कंपनी अंकिता कंस्ट्र्क्शन में काम करने लगा था। जिससे उसकी किताबें खरीदी जा सके। दिनांक 13 दिसंबर 2021 को दोपहर में कंपनी के इंजिनियर दीपक कुमार सिंह ने उसे बाईक पर बैठा कर लाउखेड़ा एयरपोर्ट रोड भोपाल ले गया। (प्रत्यक्षदर्शी छोटे बच्चों के अनुसार) लाउखेड़ी में जिस स्थान पर वे गये वहां रो़ड पर सीवरेड लाईन के चैंबर थे। मैन होल का चेंबर हटा कर भारत सिंह पहले चेंबर में उतरा और उसके थोड़ी देर बार इंजिनियर दीपक कुमार सिंह. 10-15- मिनट तक वे बाहर नहीं निकले तो वहां स गुजर रहे लोगों को बच्चों ने घटना बताई। वहां के निवासियों ने 18-20 फिट गहरे मेनहोल में झांक कर देखा हां दोनों अचेत पड़े हुए थे। कुछ लोग उन्हे बचाने चैंबर में उतरे लेकिन घुटन की वजह से नीचे नहीं उतर पायेष उन्होने पुलिस को सूचना दी, पुलिसकर्मियो ने दोनों की लाशों को बाहर निकलवाया।
मामला की गंभीरता को देखते हुए नगर निगम भोपाल ने अंकिता कंस्ट्रक्शन कंपनी पर केस दर्ज कराया, वहीं प्रदेश के नगरीय आवास एंव विकास मंत्रीी भूपेंद्र सिंह ने जांच के आदेश दिये और मृतकों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की।
मृतक भारत सिंह के पिता शैतान सिंह ने हमे बताया कि घटना के दिन उनका बेटा उनके साथ ही था और दीपक सिंह ने अपनी मोटरसाइकल से उसे ले गया। उसकी मौत के बाद वे अस्पताल गये जहां उन्हे भरत की लाश मिली। कोई भी उनकी बात नहीं सुन रहा था। उन्हे अपने बेटे की लाश को लेकर झाबुआ पहुंचा दिया गया। लोगों से पता चला कि पेपर में गलत बात छापी है कि भरत कंपनी में काम नहीं करता था। शैतान सिंह ने बताया कि उन्हे अभी कोई भी पैसा नहीं मिला है, 5-6 साल से जिस कंपनी में करते थे वहां से सिर्फ 3 लाख रुपये का चेक दिया गया है और बहुत से कागजों पर अंगूठा लगवा लिया है।