SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
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Case posted by | NDMJ |
Case code | MP-BTL-01-21 |
Case year | 18-Jan-2021 |
Type of atrocity | SC/ST (POA) Act |
Whether the case is being followed in the court or not? | Yes |
Fact finding date | Not recorded |
Case incident date | 18-Jan-2021 |
Place | Village: Not recorded Taluka:Not recorded District: BETUL(DP) State: Madhya Pradesh |
Police station | Sarni |
Complaint date | 18-Jan-2021 |
FIR date | 19-Jan-2021 |
भोपाल में रहकर कक्षा 9 वी में पढ़ने वाली 14 वर्षीय सीताकामथ, मड़काढ़ाना निवासी नाबालिक संयोगिता बामने पिता रमेश बामने कोरोना कर्फ्यु के कारण अपने घर आई हुई थी। 18 जनवरी 2021 को शाम को लगभग 5.30 बजे वह अपने घर से आधा किमी दूर गेहुं लगे खेत में पानी की मोटर बंद करने गई थी, तब उसके खेत से लगे हुए खेत का मालिक सुशील वर्मा जो कि उसके साथ पढ़ने वाले छात्र का पिता है, उसने पाइप हटाने के लिये मदद करने के लिये खेत से लगे नाले की तरफ बुलाया। नाबालिग वहां चली गई तब सुशील वर्मा ने उसके साथ बलात्कार किया और सर पर पत्थर मारे, उसे मरा हुआ समझ कर खेत की ढलान वाले नाले में उसने नाबिलग को पटक दिया और वहां पड़े बड़े बड़े पत्थरों से दबा दिया। काफी देर तक संयोगिता के घर वापस ना आने पर उसकी बड़ी बहने और पिता ढूंढने लगे। खेत में ढूंढा, आवाज दी लेकिन किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। गेहूं की फसल लगी होने और शाम हो जाने की वजह से कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। तभी नाले की तरफ बड़ी बहन वसुंधरा को नाबालिग के अंतःवस्त्र नजर आये. उसने अपने पिता को आवाज दी और नाले की तरफ ढूंढने लगे। तभी उन्हे मेढ़ के पत्थरों की तरफ कराहने की आवाज सुनाई दी। उन्होने बड़े - बड़े पत्थर हटाये तो वहां संयोगिता गंभीर हालत में मिली। जिसके शरीर पर कपड़े अस्तव्यस्त थे। वसुंधरा ने पिता के साथ अपनी बहन को उठाया और बाईक से घोड़ाडोंगरी अस्पताल ले गये। जहां पर नाबालिग ने थोड़ी बातचीत में उसके साथ हुए घटना की जानकारी दी। तब तक अस्पताल द्वारा पुलिस को सूचित कर दिया गया था। जिस पर थाना सारनी की पुलिस सक्रीय हो आरोपी सुशील वर्मा को गिरफ्तार कर थाना ले गई।
जहां से आरोपी को रिमांड पर ले कर जेल भेज दिया गया। इधर नाबालिग पीड़िता की हालत बहुत खराब होने की वजह से नागपुर रैफर किया गया जहां 20-22 दिन इलाज चला। सारनी में इस जघन्य घटना के विरोध में हर समाज के लोगों ने शासन प्रशासन से आरोपी को सख्त से सख्त सजा की मांग की इसके लिये चक्का जाम, प्रदर्शन, ज्ञापन दिये गये। महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लेकर प्रशासन को कार्रवाई के लिये कहा। नगर में काफी विरोध प्रदर्शन के चलते पीड़िता को भोपाल स्थि एम्स हास्पिटल में भर्ती कराया गया।
वर्तमान में नाबालिक पी़ड़ीता की हालात में कोई विशेष सुधार नहीं है, उसके दोनों जबड़ों के आपरेशन हुए हैं, वह बोल नहीं पाती है, सदमे में है, कान से पस निकल रहा है। शरीर की हड्डीयां टूटने की वजह से वह चल फिर सकने में असमर्थ है। इसके बावजूद उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। जिसकी वजह से उसका प्राइवेट इलाज कराना पड़ रहा है।
पीड़िता को अभी तक साढ़े तीन लाख रु. की आर्थिक मदद प्रदान की गई है।