
SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
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| Case posted by | NCDHR- NDMJ, Himachal Pradesh |
| Case code | HP-06-06-2025 |
| Case year | 11-Apr-2025 |
| Type of atrocity | SC/ST (POA) Act |
| Whether the case is being followed in the court or not? | No |
| Fact finding date | Not recorded |
| Case incident date | 11-Apr-2025 |
| Place | Village: Not recorded Taluka:Not recorded District: UNA(DP) State: Himachal Pradesh |
| Police station | BANGANA |
| Complaint date | 07-Jun-2025 |
| FIR date | 01-Jan-1970 |
यह घटना तहसील बंगाणा के गांव सतरुखा की है। इस गांव में नानक चन्द, पुत्र स्वर्गीय सिख राम उर्फ माडू राम, निवास करता है। उसकी आयु लगभग 64 वर्ष है और वह चमार जाति से सम्बन्धित है। नानक चन्द MSME/AD विभाग से सेवा-निवृत्त कर्मचारी है।
नानक चन्द को किसी व्हाट्सऐप ग्रुप के माध्यम से यह जानकारी मिली कि बंगाणा से सटे गांव नायली में पंडित प्रकाश चन्द शर्मा, पुत्र स्वर्गीय उधो राम, जो लगभग 70 वर्ष के हैं और एक समाज सेवक हैं, ने अपनी साझा (मुस्तरका) भूमि पर एक मंदिर का निर्माण किया है। इस मंदिर में उन्होंने बाबा पहाड़िया, सुभाष चन्द्र बोस, अपने माता-पिता तथा श्री गुरु रविदास महाराज जी की प्रतिमाएं स्थापित की हैं।
श्री गुरु रविदास जी की प्रतिमा स्थापित होने के एक माह पश्चात् दिनांक 12.04.2025 को पंडित प्रकाश चन्द शर्मा ने एक भंडारे का आयोजन किया और आसपास के गांवों में विशेष रूप से दलित समाज को आमंत्रित किया। इस दौरान उन्होंने नानक चन्द को यह बताया कि जब से उन्होंने श्री गुरु रविदास महाराज जी की प्रतिमा स्थापित की है, तब से उनके मोहल्ले के कुछ शरारती तत्व विरोध करने लगे हैं और कह रहे हैं कि वे “एक चमार की मूर्ति को माथा नहीं टेकेंगे।” पंडित प्रकाश ने नानक चन्द को यह भी स्पष्ट किया कि जिस स्थान पर प्रतिमा स्थापित की गई है, वह भूमि उनके हिस्से की है।
भविष्य में किसी प्रकार का विवाद न हो, इस आशय से दिनांक 08.04.2025 को पंडित प्रकाश चन्द ने जिला उपायुक्त ऊना को एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। इसके पश्चात् 10.04.2025 को स्थानीय समाचार पत्र में यह प्रकाशित हुआ कि पंडित प्रकाश चन्द के ही गांव के कुछ लोगों ने जिला उपायुक्त से मिलकर उक्त भूमि को लेकर अदालत में दावा दायर कर दिया है।
इसके बाद 11.04.2025 को एसडीएम बंगाणा के निर्देश पर तहसीलदार अमित शर्मा ने पंडित प्रकाश चन्द को दूरभाष पर सूचित किया कि वे उसी शाम उस स्थल पर आएंगे ताकि प्रार्थना पत्र के विषय में बातचीत की जा सके। पंडित प्रकाश चन्द के मोहल्ले में जहाँ मात्र 23 ब्राह्मण परिवार रहते हैं, उस शाम वहाँ लगभग तीन सौ लोग एकत्रित हो गए, जिनमें बाहरी गांवों से आए राजपूत जाति के लोग भी शामिल थे।
नानक चन्द अपने बेटों और समाज के अन्य लोगों सहित इस सभा में उपस्थित हुआ। बातचीत के दौरान मनोज शर्मा फेसबुक पर लाइव वीडियो प्रसारित कर रहा था और कई लोग भड़काऊ भाषण दे रहे थे। सभा में नानक चन्द और उसके साथियों को “दूसरी जाति,” “नीच जाति,” तथा “बाहरी लोग” कहकर अपमानित किया गया। इस दौरान मनोज शर्मा और रणवीर राणा सहित अन्य लोगों ने नानक चन्द की गाड़ी तोड़ने तथा उसे जान से मारने की धमकियाँ भी दीं। स्थिति तनावपूर्ण होने पर तहसीलदार ने आदेश पारित किया कि गुरु रविदास जी की प्रतिमा को वहां से हटाकर पंडित प्रकाश चन्द के घर के बरामदे में रख दिया जाए। इसके उपरान्त पुलिस ने नानक चन्द और उसके साथियों को वहाँ से बाहर निकाला।