SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
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Case posted by | Bhartiya Jan Sewa Ashram |
Case code | UP-44 SLN-29 |
Case year | 28-Feb-2022 |
Type of atrocity | SC/ST (POA) Act |
Whether the case is being followed in the court or not? | No |
Fact finding date | Not recorded |
Case incident date | 28-Feb-2022 |
Place | Village: Not recorded Taluka:Not recorded District: SULTANPUR(DP) State: Uttar Pradesh |
Police station | Lambhua |
Complaint date | 28-Feb-2022 |
FIR date | 28-Feb-2022 |
गरीब दलित रामनरेश ग्राम मलाकतुलापुर थाना लम्भूआ जिला सुल्तानपुर के लड़के जो टी जी टी उतृण कर प्राइवेट विद्यालय मे अध्यापक के पद पर पढ़ाने का कार्य कर रहा था की दिनांक 28-02-2022 की सुबह 9 बजे अपने घर पर विद्यालय जाने की तैयारी कर रहा था की गाँव के कुछ दबंग लोगों ने योजनाबद्ध तरीके से जमीनी रंजीश व एक दलित जाति का लड़का उच्च शिक्षा प्राप्ति को लेकर द्वेषभाव के कारण कौशलेन्द्र सिंह उर्फ राजन सिंह शैलेन्द्र सिंह पुत्रगंण अशोक कुमार सिंह अमन सिंह पुत्र भूपेन्द्र सिंह आलोक कुमार सिंह पुत्र अशोक कुमार सिंह किरण सिंह पत्नी भूपेन्द्र सिंह इंद्रावती पत्नी अशोक कुमार सिंह विनीता पत्नी शैलेन्द्र सिंह एक राय होकर हाथ मे लाठी डंडा व कुल्हाड़ी से लैस होकर पीड़ित के दरवाजे पर आए और मा बहन व चमार साले की गाली देते हुए घर मे घुस कर मौके पर मौजूद मनोज पुत्र रामनरेश पुत्र बैजनाथ राम बहादुर पुत्र बैजनाथ इंद्राजी पत्नी बैजनाथ तथा नैन्सी पत्नी उदय सेन को मारने पीटने लगे जिस मनोज को जान से मारने की नियत से मारने लगे उनकी मौके पर ही मौत हो गया और लोगो को गंभीर चोटे आई हल्ला गुहार सुनकर गाँव के काफी लोग मौके पर आ गए इनको देखते ही मनबढ़ दबंगों ने जान से मारने की धमकी देते हुए वापस लौट गए
मनोज के मौत के बाद जो गम्भीररूप से घायल थे वो जितेंद्र कुमार जिसका सर फट गया बाया हाथ टूट गया और इंद्राजी का सर फट गया बायी हाथ की हथेली व कलाई व गर्दन मे काफी चोट आई और नैन्सी रामनरेश राम बहादुर को काफी चोटे आयी इसके बाद गाँव के लोग गाड़ी बुक कर चोटहील लोगों को आनन फानन मे जिला अस्पताल सुल्तानपुर मे जहा डॉक्टरों ने मनोज को मृत घोषित कर दिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया पोस्ट मार्टम के बाद पीड़ित परिवार को लाश मिला उसको लेकर अपने घर वापस आए लाश को तीन दिन तक अपने दरवाजे पर रख कर आरोपियों की को गिरफ्तार करने व मुकद्दमा दर्ज करने के लिए दबाब बनाया गया जिसके उपरांत गिरफ्तार कर कुछ लोगों को जेल भेज दिया गया और लाश को दफन किया गया इधर इंद्राजी व जितेंद्र सदर मे भर्ती हो गए बाकी लोगों को भी मेडिकल और दवा के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया जिसमे सभी लोगों का मेडिकल जांच कराने के लिए कहा गया था