SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
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Case posted by | Dynamic Action Group |
Case code | UP-LKO-005 |
Case year | 05-Mar-2016 |
Type of atrocity | Other Crimes Against SCs |
Whether the case is being followed in the court or not? | No |
Fact finding date | Not recorded |
Case incident date | 05-Mar-2015 |
Place | Village: Not recorded Taluka:Not recorded District: LUCKNOW State: Uttar Pradesh |
Police station | Not recorded |
Complaint date | 31-Dec-1969 |
FIR date | 31-Dec-1969 |
प्राथमिक विद्यालय चिनहट
नगर क्षेत्र का विद्यालय
जिला –लखनऊ
घटना
दलित बच्चे से शौचालय साफ़ कराने की घटना |
सूचना का श्रोत
यह सूचना हमें ०५.०३.०१६ को अखबार नव भारत टाइम्स से मिली |
फैक्ट फाईडिंग
इस घटना कि फैक्ट फाईडिंगमै अनुराग और आशीष अवस्थी ने दिनांक 19.03.016 को अपने दफ्तर डग आफिस से सुबह 9:30 पे निकले |
हम लोग सुबह 10:30 स्कूल पहुचे | चिनहट में पहुचकर कुछ लोगो से हमने स्कूल का पता पूछा तथा उसके आधार पर हम लोग स्कूल पहुचे | स्कूल में हमें 2-3 बच्चे ,प्रधानाचार्या ,उप प्रधानाचार्या व एक सहायक शिक्षिका मिली | चूकि इस समय बच्चो कि परीक्षा चल रही थी और बच्चे परीक्षा दे के जा चुके थे | इसलिए हमारी बात 15-20 मिनट प्रधानाध्यापिका शकुंतला सिंह जी से हुई | जो इस विद्यालय में 1 साल पहले से पोस्ट हुई है | तथा इन्होने इसके बाद अपने पति को बोला लिया जो बीच बीच में हमें डिस्टर्ब कर रहा था | और अपनी बात बोलने कि कोशिश कर रहा था | उसके बाद हमारी बात उप प्रधानाध्यापिका उर्मिला सिंह जी से हुई उसके बाद हम लोग पुलिस चौकी चिनहट गए | वहाँ से हमें इस केस कि सम्पूर्ण जानकारी नहीं मिली |
उसके बाद हम दूसरे दिन फैक्ट फाईडिंग दिनांक 21.04.16 को गए | हम लोग पूछते -2 पीड़ित बालक देवेश राम (name changed) के घर गए | जब हम लोग पीड़ित बच्चे के घर पहुचे तो वहाँ केवल बच्चे ही मिले | जिसमे देवेश राम व उसका भाई कृष्णा हमें मिला | दोनों भाई इसी विद्यालय में पड़ते है | देवेश कक्षा 1 में कृष्णा कक्षा ३ में पड़ता है | चूकि बच्चे कि मम्मी काम करने गई थी | ये दूसरो के घर में पोछा व झाड़ू लगाने का काम कराती है | जब हमने पूछा मम्मी कब आएँगी तो बच्चो ने बोला 12 से 1 के बीच में ,बच्चो से बात करने के कुछ समय पश्चात बच्चे का पिता चंद्रपाल आ गया |उससे भी हम लोगो कि काफी देर तक बात हुई | उसके बाद हम लोगो ने बच्चो कि फोटो खीचा और फिर हम लोग अपने दफ्तर के लिए निकल पड़े |
गवाह
1 – प्रधानाचार्या शकुन्तला सिंह
शकुंतला सिंह जी के अनुशार देवेश राम जो कि कक्षा 1 में पड़ता है | विद्यालय कि नाली में गिर गया जिससे कि उसकी पेंट में कीचड लग गया | तथा वह कीचड़ साफ करने लगा जिससे कि उसकी पेंट गीली हो गयी उसके बाद पूनम सोनकर सहायक शिक्षिका ने छुट्टी दे दी | बच्चे ने पूरी घटना अपनी माँ से बतायी | माँ को ये सब सुनकर बहुत गुस्सा आया , और उसके बाद कुछ समय पश्चात बच्चे कि माँ ज्योति कनोजिया 40 – 50 लोगो को लेकर विद्यालय आ गयी | और विद्यालय में हंगामा करने लगी, वहा पे उसकी टीचरों से कहा सुनी हुई और उसके कुछ समय पश्ताप वह चिनहट पुलिस चौकी चली गयी | और अपनी शिकायत दर्ज करा दी |
प्रधानाध्यापिका के अनुशार विद्यालय में 3 शौचालय है 1 बालक के लिए 1 बालिका के लिए 1 शिक्षको के लिए , इस विद्यालय में कोई सफाई कर्मी तैनात नहीं है | इस विद्यालय में 245 बच्चे ,4 सहायक शिक्षक , 1 प्रधानाध्यापिका
उप प्रधानाध्यापिका उर्मिला सिंह के अनुशार
बच्चो से शौचालय नहीं साफ़ कराये जाते है | यहाँ पे जो पड़ने आते है | ये अनपद –गवार और छोटी जाती के लोग है पीड़ित बच्चे कि माँ ज्योति कनोजिया को अपनी गलती पे पछतावा हुआ | और उसने हम सब से माफी मांगी और इस समय उसके दोनों बच्चे स्कूल आ रहें है |
पीड़ित रितिक कनोजिया
बच्चे के अनुशार हमसे पूनम बहन जी ने शौचालय साफ़ करवाया तथा उसके बाद छुट्टी दे दी |
रितिक का दूसरा भाई कनैय्या
भाई के अनुशार हमसे भी शौचालय साफ़ करवाया गया |
बच्चे का पिता चंद्रपाल के अनुशार
मेरे बच्चो से शौचालय साफ़ करवाए जा रहे थे | जिसके बाद हम लोगो ने पुलिश चौकी कि शिकायत कि जिसके बाद पूनम बहन जी ने माफ़ी मांग ली और दरोगा ने हम लोगो को समझाया कि अगर अपनी शिकायत वापस नहीं लो गे तो पूनम बहन जी कि नौकरी चली जाएगी | उसके बाद हमने अपनी शिकायत वापस ले ली | तथा हम लोगो से कहने लगा कि अब पेपर में नहीं छापना जो हो चूका वो हो चूका |
निष्कर्ष
प्रधानाध्यापिका तथा उप प्रधानाध्यापिका कि बातो से हमें लगा कि इनकी सोच दलित विरोधी है इनके अनुशार ये छोटी जाती के अनपद – गावर लोग है | बच्चे के अनुशार शौचालय साफ़ कराये जाने कि घटना सही है | पिता के अनुसार मेरे बच्चो से शौचालय साफ़ कराये जा रहे थे | इस घटना में मीडिया कि भूमिका अहम् है पर सवाल इस बात का है इनको केवल खबर चाहिए ऐसी घटना का ये लोग फालोअप नहीं करते | पूनम बहन जी ने बच्चे कि माँ व पिता से माफ़ी मांगी तथा अब ऐसी आमानवीय घटना दोबारा नहीं होगी |
इस घटना में पुलिस और बी० यस० ए० का कोई अहम् रोल नहीं रहा | पुलिस ने तो बस खानापूर्ति मात्र की | पुलिस ने इस घटना पे कोई एक्शन नहीं लिया | और बच्चे की माँ तथा पूनम बहनजी में समझौता करा दिया | और बी० यस० ए० ने तो कोई एक्शन ही नहीं लिया | अगर ये लोग एक्शन लेते शायद आने वाले भविष्य में ऐसी आमानवीय घटना दूसरे विध्यालययो या समाज में न हो |