SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
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Case posted by | NDMJ - Himachal Pradesh |
Case code | HP/SMR/RJGR/22 |
Case year | 07-May-2016 |
Type of atrocity | Intentionally touches a woman when such act of touching is of a sexual nature and is without the recipients consent |
Whether the case is being followed in the court or not? | No |
Fact finding date | Not recorded |
Case incident date | 07-May-2016 |
Place | Village: Not recorded Taluka:Not recorded District: SIRMAUR(DP) State: Himachal Pradesh |
Police station | PACHHAD |
Complaint date | 07-May-2016 |
FIR date | 07-May-2016 |
यह घटना जिला सिरमौर की तहसील पच्छाद के गांव चुन्नर की है जो की बडू साब के पास है. यह गांव राजगढ़ से 30 कि०मि० की दुरी पर बड़ी ही पहाडियों के बीच सिथत है. इस गांव तक जाने के लिए 5 कि०मी० तक कोई पक्की सड़क नहीं है यहाँ तक जाने के लिए राजगढ़ से दिन में 4 बस ही जाती हैं. इस गांव में पांचवी कक्षा तक स्कुल है. इस गाव में पानी के लिए लोग ज्यादातर कुदरती तरीको पर निर्भर है. इस गांव में कोल्ली(हरिजन) जाति के 1 घर, डॉम जाति के 3 घर व् राजपूत जाति के 35 घर हैं.
इस गांव में दलित समाज में से तारा देवी पत्नी जगदीश राम उम्र 28 वर्ष रहती है. वह डॉम जाति से सम्बंधित है. तारा देवी घर में ही रहती है व घर का काम ही करती है. 7 मई 2016 को दिन के समय दोपहर को तारा देवी की बकरी व मेमना गुम हो गए जिसको तारा देवी इधर उधर डूढने लगे फिर व करीब 3:15 बजे तारा देवी अपनी देवरानी चिड़ि देवी पत्नी अनिल कुमार को साथ लेकर बकरी व् मेमने की तलाश में फागु गांव की और चल पड़ी तो चुन्नर गांव में ही राजपूतों के घर से 100-150 मीटर पीछे ही पहुंचे तो राजपूत जाति में से रत्न सिंह ठाकुर व उसके बेटे मुकेश, प्रेम सिंह उर्फ़ बबलू, कपिल मोहन उर्फ़ राजू हाथ में डंडे लेकर आ रहे थे उन्होंने तारा देवी और चिड़ि देवी का रास्ता रोका और मुकेश सपुत्र रत्न ठाकुर उम्र 27 वर्ष जाति राजपूत ने तारा देवी को उसकी छाती को दोनों हाथों से पकड़ा और चिड़ी देवी को भी प्रेम सिंह उर्फ़ बबलू सपुत्र रत्न ठाकुर उम्र 25 वर्ष जाति राजपूत ने पकड़ा और सभी ने तारा देवी और चिड़ी देवी को डंडो से पीटना शुरू कर दिया. मुकेश ने तारा देवी की गले के पास से उसके सूट को फाड़ दिया. तारा देवी को बाई बाजू पर डंडो की पिटाई से गहरी चोट लगी व काफी खून बहने लगा इसी प्रकार तारा देवी को दोनों टांगो, गर्दन राजपूतों ने डंडो से गहरी चोटें पहुंचाई. तारा देवी की देवरानी को भी सिर के पास बाएँ कान के नीचे चोट लगी और उन राजपूतों ने उसका सिर भी फाड़ दिया और उसके सिर से भी काफी खून बहने लगा. तारा देवी व चिड़ी देवी ने अपने बचाव के लिए काफी आवाजे लगाईं पर कोई उनकी मदद के लिए नहीं आया. इस मारपीट के दोरान राजपूत जोर ज़ोर से कह रहे थे की तुम साले डूमनों को ज़िंदा नहीं छोड़ेगे. बुरी तरह मार खाने के बाद तारा देवी और चिड़ी देवी बुरी तरह से बेहोश हो गई थोड़ी देर बाद मौके पर उनके पति जगदीश व अनिल और साथ में तारा देवी वे चिड़ी देवी की सांस माँ व चाची वहां पहुंचे और दोनों को जख्मी हालात में अस्पताल लेकर गए और वही पर पुलिस के पास रिपोर्ट दर्ज करवाई. अभी तक इन दोनों को कोई मुआवजा राशि ना मिली है और उन राजपूतों किओ तरफ से रोजाना जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं.