SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
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यह घटना जिला ऊना की तहसील बंगाणा के गांव बराल की है. यह गांव ऊना मुख्यालय से 40 कि०मी० की दुरी पर है. राज्य हिमाचल में जातिय व्यवस्था पर आधारित छुआछूत की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है भारत को आज़ाद हुए 70 वर्ष के करीब हो गए है पर ऐसी घटिया मानसिकता रखने वाले लोग आज भी समाज में मौजूद है. घटना सिथित इस गांव में चमार जाति के 120 घर, कबीर पंथी जाति के 5 घर, वाती(OBC) जाति के 4 घर, राजपूत जाति के 100 घर, शिम्बा जाति के 2 घर , दोले जाति के 4 घर है. इस गावं में पीने के पानी की बहुत समस्या है. इस बराल गांव के वार्ड नंबर 2 में दलित बस्ती के 70 के करीब आबादी में घर है. दलित बस्ती में उतम चन्द स्पुत्र जेंड राम की जमीन पर करीब 21 वर्ष पहले सरकारी हैंडपंप लगाया गया व दलित बस्ती को पीने का पानी मुहिया करवाया गया. लगभग 4 वर्ष पहले दलित बस्ती से करीब 800 मीटर दुरी पर राजपूत जाति के घर हैं उन परिवार वालो ने कुछ दलित परिवारों से मिलकर कर हैंडपंप के बोर में मोटर लगवा दी और हैंडपंप का हैंडल हटवा दिया व बिजली का मीटर दलित बस्ती में से ही दलीप चन्द स्पुत्र शंगन्णीया राम के नाम पर लगवा दिया. राजपूत जाति में से जगजीत सिंह स्पुत्र राजेश कुमार हर महीने दलित बस्ती के 70 घरों से पचास रूपये के हिसाब से बिल के नाम पर पैसे लेता रहा और आज दिन तक बिल का कोई हिसाब ना दिया है इसके इलावा हर थोड़े दिनों बाद मोटर खराव हो जाती रही है जिसको की सिर्फ दलित बस्ती के लोग ही अपने पास से पैसा इक्कठा कर ठीक करवाते रहे है पिछले महोने जब मोटर खराब हुई तो दलित बस्ती में से प्यार चन्द और उनकी पत्नी शकुंलता देवी जो की गावं की सरपंच है और गावं के लोगों ने फैसला लिया अब हम मोटर ठीक नहीं करवायंगे और हैंडपंप के बोर को हैंडल लगवा लेंगे क्योंकि राजपूत बस्ती के लोग बिना वजह ही अपने घरों को मोटर से पानी छोड़ रखते थे जिसकी वजह से साथ लगते सभी कुओं का पानी भी सुख गया है जब दलित समाज ने कहा की हैन्डपम्प को सभी हैंडल लगा कर पानी भरो इस कारण राजपूत घरों के नुमाइंदो ने दलित बस्ती को जाने वाले रास्ते को जबरन बाड लगा कर बंद कर दिया और गाली गलोच करना शुरू कर दिया राजपूत जाति में से जगजीत सिंह स्पुत्र० राजेश कुमार दलित समाज की ओरतों को कहता है की अपने पेशाब से खाना बनाओ और उसी को पीयो. जगजीत सिंह ने कहा की मैं इस रास्ते में मक्की की फसल बीजुंगा और दलित समाज के लोगों को इस रास्ते से आने – जाने नही दूंगा. अब ना तो दलित बस्ती के लोग कही आ जा सकते है और न ही राजपूत समाज के लोग हैंडपंप को हैंडल लगने दे रहे है, बिना पानी के दलित बस्ती की हालत बहुत ही दयनीय हो गई हैहमारा साशन प्रशासन से अनुरोध है की शीघ्र अति शीघ्र बंद रस्ते को खुलवाया जाए व हैंडपंप पर हैंडल लगा कर दलित बस्ती को पानी उपलब्ध करवाया जाए.