
SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
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यह घटना जिला काँगड़ा की उप तहसील चढ़ीयार के गांव मटियाल की है इस गांव में दलित जाति में से फकीर चन्द स्पुत्र स्व घतारू राम रहता है जो के 65 बर्ष के करिव है इसका मुख पेशा बकरी पालम है हर रोज़ की तरह अपनी बकरीयांनजदीकी छेक जंगल चौरी सिद्ध के पास चराने गे थे उसी जंगल के बीचो बिच सड़क भी है फकीर चन्द सकड़ के किनारे खड़ा हुआ था की अचानक बहा पर अपनी गाड़ी में राजपूत जाति से गुलेरराणा आ गया और अचानक अपनी गाड़ी रोकी और फकीर चन्द को गलियां निकालने लगा के तूने अपनी मूछें क्यों रखी है और गन्दी गन्दी गालियाँ निकालते हुए जान से मार देने की धमकियां देने लगा फकीर चन्द उसकी प्रवाह न किया बगैर बकरिया सड़क से हटाने लगा तोह गुलेर राणा ने फकीर चन्द को डंडे से पीटना शुरू कर दिया गुलेर राणा ने फकीर चन्द के सर पे बार किया फकीर चन्द ने अपने आपको बचाने की आवाज़ लगाई उसकी आवाज़ सुनकर मदन मिन्हास वः चौरी सिथ्द बाबा आ गये और फकीर चन्द को गुलेर राणा से छुड़ाया और उसके परिवार को खबर दी फिर परिवार द्वारा फकीर चन्द को अस्पतालपहुचायां वहा पर फ़क़ीर चन्द को सर में 60 टाँके लगे और चोटों पर पाटिया कर बायीं
घटना का विवरण
यह घटना जिला कांगड़ा की तहसील भवारना के गांव रोड़ी की है. यह गांबजिला मुख्यालय से लगभग 40 कि०मी० की दुरी पर है. इस गांव में एक दलित बस्ती है जो की 50 वर्षोंसे ग्राम पंचायत खलेट के गावं रोड़ी में बसे हैं. ये अपना गुजर बसर चौकी खलेट के वनों पर निर्भर रह कर ही कर रहे है तथा अपनी आजीविका वर्षों से कमारहे हैं राम नगर कालोनी के समानयवर्ग (उच जाति ) के लोग निबास करते है इन लोगो ने झूठ केआधार पर दलित बस्ती के लोगो के खिलाफ नाजायज़ कब्जे का केस दर्ज करबा कर हाई कोर्ट शिमला से बिना इनकीसुनबाई किये आदेश लेकर आ गये है अब बन मंडलअधिकारी पालमपुर को दबाब बना रहे हैकि इन कचे मकानों को जल्द से जल्द गिराया जाये
दिनाक 15/2/18 को वनअधिकारी अन्य कर्मचारीयों को साथ ले कर आये और उन्होंने कचे मकानों को उखाड़ना सुरु कर दिया जब बस्ती के लोगो ने अपना जरुरी सामान घर से निकाला उसके बाद कुछ बुधी जीवी वः पंचायत के लोगो की सलाह के बाद शिव मंदिर में रखना शुरू कर दिया तो कालौनी के उच्च जाति के लोगो ने कहा के इस सरायें में दलित लोगो का आना बरजित है और कलौनी के लोग इकठा हो कर हाथ में डंडे लेकर आगये तथा दलित लोगो को धोगरी कह कर प्रताड़ित कर ने लगे और वहा से निकाल दिया फिर लोग अपने रिश्तेदारों के जहा इदर उदर किराये पर रहने लगे
हिन्दू धर्म के ठेकेदारों ने दो दलित छात्रो का बेतरतीब तरीके से......
सर का बाल मुड़कर,जूता का माला पहना कर सरेआम घुमाया तथा नाली का गन्दा पानी पिलाया
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दिनाक 05.07.2019 को सूबे बिहार के नवादा जिले के वरिशालिगंज थाना क्षेत्र के मसनाखामा गाँव के दो दलित छात्र राजीव कुमार उम्र करीब 20 वर्ष एवं सागर कुमार उम्र करीब 19 वर्ष को उक्त गाव के भूषण यादव , सचिन यादव , बिंदा यादव व् गुलशन यादव तथा वरिशालिगंज के प्रभात मिश्र एवं रामप्रवेश सिंह सहित 30 - 35 लोगो द्वारा जबरन उसके घर से खीच कर लाया गया तथा गाँव के चौराहे पर दोनों के सर का बाल व मुछे बेतरतीब तरीके से मुड़ दिया गअ या l उसके पश्चात दोनों को चप्पलो एवं जूतों का माला पहना कर सम्पूर्ण गाँव में घुमवाया l नाली का गन्दा पानी पिलाया l चमार , हरिजन कहकर भादी भादी गलिय दी तथा पुलिस को सूचना देकर दोनों को गिरफतार करवाकर जेल भी भेजवा दिया l पुलिसे भी बिना वारंट व् प्राथमिकी के दोनों छात्रो को गिरफ्तार कर थाना ले गयी और आनन् फानन में प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेज दिया गया l दोनों छात्रो पर हिन्दू धर्म के देवी देवताओ के फोटो पर पैर रख कर वीडियो वायरल करने तथा धार्मिक आस्था को ठेस पहुचाने का आरोप लगाया गया l
दलित छात्रो को आपमानित करेने की प्राथमिकी एक दिन बाद दर्ज की गई l उक्त मामले के 35 अभियुक्तों में मात्र एक को गिताफातर का जेल भेजा गया l पुलिसे मामले के प्रति उदासीन है l
मसंखामा एक ऐसा गाँव है जहाँ आज भी दलितों को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जाता है l वहां के गैर अनुसूचित जाति के लोगों के उक्त प्रकार के व्यवाहर से अनुसूचित जाति के लोग हमेशा क्षुब्ध रहा करतें है l जिसके कारन हिन्दू धर्म के देवी देवताओ व् मंदिर आदि से उनका विश्वास उठता जा रहा है l दलितों के साथ भेद भाव को ख़त्म करना एवं दलितों को मंदिर में प्रवेश करना आज भी वहां के जिम्मेवार अधिकारिओ के लिया चुनौती बना हुआ है l
यह घटना जिला ऊना की पंचायत समुर के गांव गांव डंगेडा डा0 बरनोह , तहसील व जिला ऊना, हि०प्र० की है.इस गांव में चमार जाति में जोल स्थान में दीपिका पत्नी मुकेश कुमार रहती है. मुकेश कुमार JCB चलाने का काम करता है दीपिका के दो बेटे हैं बड़ा बेटा दिव्यांश 1 साल का है और दुसरा बेटा नवीश 2 महीने का है. दीपिका के घर में उसकी ननद प्रियंका, देवर सुशील कुमार व सास कृष्णा देवी रहती है देवर पड़ता है और ननद चंडीगढ़ प्राइवेट स्कुल में पढ़ाती है. दीपिका की सास कृष्णा देवी सरकारी अस्पताल में प्राइवेट ठेकेदार के पास सफाई का काम करती है. दीपिका के घर के सामने खेत में राजपूत जाति से सुनील कुमार स्पुत्र स्व: पवन कुमार का घर है जो की घर में अकेला रहता है. सुनील कुमार के माता पिता किसी बिमारी के चलते चल वसे हैं जिस वजह से व घर में अकेला ही रहता है. अकसर सुनील कुमार अपने घर की छत पर से पीछे की और दीपिका के घर की तरफ देख कुछ ना कुछ अभद्र टिप्पणिया करता रहता है
दिनाक 2/7/19 दिन में करीब 3 बजे सुनील कुमार अपने घर की छत पर था और दीपिका व उसकी ननद प्रियंका अपने घर में थी व अपनी कोई बात कर रही थी की इतने में सुनील कुमार भद्दे भद्दे कमेन्ट करने लगा तब प्रियंका ने उसे बोला की अपना काम करो हमें कमेन्ट करने की जरुरत नहीं. तब वह नीचे चला गया उस समय घर में सिर्फ दीपिका व उसकी ननद थी दीपिका की सास अस्पताल में काम के लिए चली गई थी. दीपिका का देवर iti करने के लिए गया था एव दीपिका का पति अपने मामा के घर गया हुआ था.
इसके बाद करीब रात 9:30 पर सुनील कुमार दीपिका के घर पर आ गया उस समय दीपिका वः उसका देवर सुशील ही मोजूद थे सुनील कुमार ने अपने हाथ में तलवार ली हुए थी उसने आते ही घर के बाहर लगे बल्ब को तोड़ दिया दीपिका का बरामदे में अपने बच्चो के साथ सो रही थी वः उसका देवर कमरे में सो रहा था सुनील कुमार ने वलब तोड़ ने के बाद गलिया निकालनी सुरु कर दी और कहने लगा साले कुतो चमारो निकालो बाहर इतने में डर कर दीपिका उठ गयी सुनील कुमार की तरफ उसकी पीठ थी सुनील कुमार ने उसे पिछे से उसके कपरो पकड़ लिया और उसका सूट फट गिया दीपिका अपने अप्प को छुड़ा कर कमरे में चली गयी इतने में उसका देवर बी उठ खड़ा हुआ सुनील कुमार के हाथ में तलवार देख कर डर गया और दरवाज़ा न खोलते हुए कमरे में ही रहा और सुनील कुमार की गलियों की रिकॉर्डिंग अपने फोन में करता रहा इतने में ही उसने अपनी मम्मी को अस्पताल में फोन कर दिया और अपने मामा के घर गए भाई को भी फोन कर दिया दीपिका का पति अपने मामा के साथ घर आ गया और आते ही सुनील कुमार को पकड लिया इतने में उसकी मम्मी ने थाना पुलिस को फोन किया और पुलिस के साथ ही अपने घर आ गयी पुलिस ने सुनील कुमार को गिरफ्तार किया पर सुनील कुमार रात का फायदा देखते हुए पुलिस की ग्रिफ्ट से भाग गया फिर दुसरे दिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया, पर रात को जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया तो सुनील कुमार धमकियां देने लगा की जब भी जेल से वापिस आयेगा तो सब को जान से मार देगा.
यह घटना जिला ऊना की पंचायत वनगढ़ की है यह पंचायत गांव जिला मुख्यालय से लगभग 15 कि०मी० की दूरी पर है इस पंचायत में जखेड़ा गांव आता है इस गांव में दलित समाज की काफी घनी आबादी है इस आबादी में से कुछ दलित परिबारो को सरकार ने इंदिरा अबास योजना के तहत सन 1974 में घर परती हर दलित परिबार को कुल 10 कनाल 10 मरले ज़मीन दी ज़मीन लेने बाले कुल 60 परिबार थे पहले तो दलित समाज में से किसी बी परिबार ने अपनी मिली हुई ज़मीन के बारे नही सोचा क्योंकि यह ज़मीन जंगल में आती है धीरे धीरे सभी ने अपनी ज़मीन को सवारना शुरू किया वह इस ज़मीन को फसल के काबिल बनाया सभी को मिली हुई ज़मीन के लिए कागजो में कुल 3 फुट का रास्ता मिला है इस रास्तो को लेने के लिए दलित परिबारो ने मिलकर 2012 में एक प्रार्थना पत्र पंचायत को दिया क्योंकि इस रस्ते को बनगढ़ के निबासी अबतार सिंह सपुत्र स्व: इन्दर सिंह व् इसके छोटे भाई सवर्ण सिंह ने जबरन रोक रखा हैकागजों में रास्ते का नंबर 1618,3807 खेवट न० 684 खतौनी न० 1037 हिमाचल सरकार गैर मुमकिन शरेआम है. परन्तु आज दिन तक यह रास्ता दलित परिवारों की ज़मीन हेतु ना मिला है. इस रास्ते बारे पंचायत को भी कई बार लिखित रूप में प्रार्थना पत्र दिए गए हैं व दिनाक 1/07/14 को इस रास्ते की निशान देहि बारे भी पत्र दिया जो की रीडर तह० 1 ऊना पटवारी के पास पैंडिंग रहा जिसके के लिए पुन: दिनाक 09/10/18 को माननीय उपायुक्त को पत्र दिया जिसके चलते दिनाक 4/4/19 को रास्ते की पैमाइश पटवारी द्वारा की गई और रास्ते के निशान लगाए गए. .
अब तक भी रास्ता पंचायत वनगढ़ द्वारा ना बनाया गया है. यहाँ से रास्ता बनाना शुरू होना है वह सारा रास्ता अवतार सिंह स्पुत्र स्व: इन्दर सिंह जाति राजपूत, निवासी वनगढ़ जिला ऊना ने व इसके भाई सवर्ण सिंह ने अपनी ज़मींन में दबा रखा है. इन दोनों भाइयों दवारा धमकियां दी जा रही है की पंचायत उनकी है व ज़मीन भी उनकी है. अवतार सिंह व उसके भाई सवर्ण सिंह का कहना है की यहाँ कोई रास्ता नहीं है इसलिए सभी अपनी अपनी ज़मींन हमको बेच दें. इस बात के लिए पंचायत भी चुपी साधे हुए है व् दोषियों के साथ है.
इस ज़मींन पर कुछ दलित परिवारों ने अपनी मेहनत की ज़मा पूंजी से रिहाइशी पक्के मकान बना लिए हैं. पर वहा तक जाने के लिए कोई भी रास्ता मौजूद ना है सिर्फ खेतों की पगडण्डियो पर से होकर ही जाना पड़ रहा है. इसी के चलते जिलाधिश महोदय से मिला गया व रास्ते हेतु प्रार्थना पत्र दिया गया. पर आज दिन तक कोई भी कार्यवाही साशन प्रसाशन द्वारा अमल में ना लाइ गई है.