SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
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घटना दिनांक 14.9. 2023 की है यह घटना मध्य रात्रि के जब पीड़ित होरीलाल सरोज ,शिवशरण और बृजकली तीनों लोग घर से बाहर अपने दरवाजे के सामने सो रहे थे । आरोपी गण सोते समय गोली मारकर तीनों की हत्या कर दिए । घटना दूसरे दिन जब लोगों को पता चला तो पूरे घर वालों में कोहराम मच गया , तत्पश्चात पुलिस को फोन किया गया और घटनास्थल पर पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव पुलिस अधीक्षक समर बहादुर सिंह तत्काल पहुंच गए। मृतक होरीलाल के माथे और सीने पर गोली मारी गई है बेटी को गले में गोली मारी गई । ताज्जुब की बात है कि तीन फायर होने के बाद भी आसपास के लोगों ने कोई विरोध किया । पहले से ही आरोपी पीड़ितों को धमकी दे रहे थे कि तुम लोग जमीन बेचकर गांव से चले जाओ नहीं तो हत्या कर देंगे लेकिन पुलिस और प्रशासन की वजह से पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाया ना तो किसी प्रकार की सुरक्षा नहीं मिल पाई । पट्टे में मिली जमीन को कब्जे को लेकर के विवाद था पीड़ित को कब्जा मिला हुआ था ।यह जमीन 10 बिस्वा थी ।संदीपन घाट के पंडा चौराहा पर होरीलाल का पट्टा वाली जमीन पर विवाद था और इस पर होरीलाल झोपड़ी बनाकर के रह रहे थे पास से ही शिवशरण ने किराए की दुकान लेकर सहजन सेवा केंद्र खोला था होरीलाल का झोपड़ी में झोपड़ी से 100 मीटर की दूरी पर घर भी था । उक्त आरोपीगण भू माफिया किस्म के व्यक्ति थे 15 से 23 बीघे सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करके बैठे हुए थे । चुकी पत्ते वाली जमीन ठीक चौराहे पर थी और वर्तमान समय में इसके कीमत करोड़ों में थी इस वजह से दबंग आरोपीगंज नहीं चाहते थे कि पीड़ित दलित जाति का यहां पर रहे और वह उसे जमीन को कब्जा करके या बेचकर उसे पर जो है कमाई कमाना चाहते थे उनकी नियत खराब थी जमीन पर कब्जे को लेकर कई बार मृतक होरीलाल से विवाद भी हुआ था लेकिन इतना शंका नहीं थी की हत्या कर दी जाएगी इस तरह की विविध घटना यह दर्शाता है कि निश्चित रूप से इसमें पुलिस की मिलीभगत दबंगों के साथ रही है और अक्सर देखा जाए तो उत्तर प्रदेश में कोई ऐसा जिला नहीं है जहां पुलिस अवैध वसूली अवैध लोगों के संगत दबंग लोगों के साथ नेटवर्क ना हो जिसके कारण समय पर पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाता है और कभी ना कभी इस तरह की घटना जन्म ले लेती है। फिलहाल पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है अभी भी दो आरोपी फरार हैं और पुलिस ने फिर में 120 बी तथा एनएसए की धाराएं भी बढ़ाई हैं।
ग्राम अकबरपुर बीरबल थाना सजेती घाटमपुर कानपुर नगर उत्तर प्रदेश की घटना
दिव्य विजय पिता नन्हखू निवासी अकबरपुर बीरबल घटना दलित परिवार के साथ हुई दिव्य विजय की उम्र 27 वर्ष जो की नेवी में सरकारी नौकरी पर केरल में पोस्टिंग है दिव्य विजय की पत्नी अचानक तबीयत खराब होने के कारण दिव्या 2 या चार दिन की इमरजेंसी छुट्टी में आया था परिवार के एक रिश्तेदारी में कहीं 13वीं शोक समारोह का कोटरा गांव में आमंत्रण थे कोटरा गांव में 10/08/2023 गए हुए थे कमलेश कुमार पुत्र भूपेंद्र और दिव्यविजय गए हुए थे कोटरा गांव से आने में रास्ते में दौलतपुर गांव पड़ता है रास्ते में दौलतपुर गांव में खड़े कुछ दबंग व्यक्ति कमलेश का रास्ता रोका और बाइक खड़ी करवा ली गाली गलौज करते पता पूछे और जाति जैसे ही कमलेश ने बताया चमार जाति वैसे ही दबंग भड़क उठे आरोपी रवि यादव पवन राम जी केला और अन्य व्यक्ति सारे इकट्ठा हो गए और गाली गलौज करने लगे जाति सूचक गाली देने लगी दिव्य विजय अपनी बाइक से आगे था तभी किसी व्यक्ति ने जो की इनके साथ ही गया था बीरबल गांव का उसने को सूचना दी कि तुम्हारे पिताजी और चाचा को कुछ लोग गाली गलौज कर रहे हैं दिव्य विजय विजय तुरंत वापस गया और देखा कि उसके चाचा और पिता को मारपीट कर रहे थे तभी दिव्य विजय गुस्से में जाकर गाली गलौज करने लगा दौलतपुर गांव के ओबीसी समाज 15 से 20 लोग इकट्ठा हो गए और इन चार-पांच लोगों व्यक्तियों को बहुत मारपीट की रात का समय था गांव सभी व्यक्ति अपने घर के अंदर थे मारपीट के दौरान इतनी गंभीर हालत थी वह लोग जान से ही मारना चाह रहे लेकिन इस समय लाइट जाने के करण दिव्य विजय और परिवार साथी पास के घर में छुप गए दौलतपुर के गांव के दलित समुदाय में अपने घर में चुपचाप छुपा लिया और दिव्य विजय को छुपा लिया कैसे भी फोन लेकर दिव्य विजय ने सजेती पुलिस को सूचना दी और तुरंत फोर्स पुलिस आई और घटना जांच की जिसमें घायल व्यक्तियों को तुरंत एंबुलेंस बुलाकर घाटमपुर कानपुर के लिए भेजा गया इस घटना में दलित परिवार पीड़ित परिवार है और दिव्यविजय को बहुत अधिक मारा हाथ टूटा हुआ है अभी भी वह इमरजेंसी छुट्टी में है दलित परिवार के आसपास गांव में अभी भी दबंग हमला करने के लिए बैठे हैं घर की महिलाएं खेत में चारा लेने नहीं जाती है क्योंकि वह खेत में भी छुपे बैठे हैं और बोलते हैं कि कानूनी कार्रवाई की तो उसे बार जिंदा बच गए कुछ कानूनी कार्रवाई की तो मार देंगे हमारा कुछ नहीं कर पाओगे हमारी पहुंचे पुलिस प्रशासन राजनीति आदि तक है
ग्राम गुजेला घाटमपुर कानपुर नगर उत्तर प्रदेश की घटना
अखिलेश कुमार जो कि दलित समुदाय से आते हैं पिता महेश जो मजदूरी का काम करते हैं के आसपास क्षेत्र में मजदूरी करने जाते हैं अखिलेश कुमार गांव के बाहर अपने कुछ साथियों के साथ पेड़ की छांव के नीचे बैठे थे तभी कुछ दूर पर कुछ दबंगों ने उसमें से एक व्यक्ति ने अखिलेश को बुलाया और दुकान से पान मसाला मंगवाने की बात कही तभी अखिलेश ने मना किया कुछ महीनो से पहले से भी अखिलेश से पैसों का लेनदेन का मामला था आरोपी इस कारण अखिलेश को दुकान जाने की बात करता है और बातों ही बातों में आरोपी जाति सूचक गली देता है अखिलेश मन करता है तभी वह तीन-चार लोगों को लेकर अखिलेश को करने लगता है अखिलेश के साथी वहां से भाग आते हैं झगड़ा के दौरान किसी ने अखिलेश के घर पर बताया और परिवारजन पहुंचे तभी वहां पर मारपीट करके आरोपी वहां से भाग गया सजेती थाने में मारपीट और गाली गलौज का शिकायत दर्ज की मौके पर पहुंची पुलिस ने शिकायत दर्ज की कुछ महीनो के बाद आरोपी पीड़ित के परिवार में महिलाओं को धमकाने लगे और समझौता करने की बात कही पीड़ित परिवार आर्थिक कमजोरी स्थिति में है और वह डरे हुए थे कुछ महीनो बाद पीड़ित परिवार में समझौता कर लिया वर्तमान में आज भी दलित वाल्मीकि समुदाय आज भी उच्च जाति वाले आए दिन मारपीट वी सताते रहते हैं आज भी हो रही है इतना कठिन कानून बनने के बावजूद भी
ग्राम केवड़िया पतरा घाटमपुर कानपुर नगर उत्तर प्रदेश की घटना!
अभय प्रताप सिंह पत्नी उमा भारती जो कि वर्तमान में केवड़िया आसपास के चार अन्य गांव दलित महिला प्रधान है जिस गांव के जनरल ओबीसी यह नहीं चाहते कि किसी नीच जाति का राजनीति में वह हम लोगों पर हक या अधिकार दे गया करें यह घटना एक दलित महिला प्रधान के पति के साथ हुई है अभय प्रताप सिंह ग्राम पंचायत में करंज का काम जो की सरकारी आदेश व लेखपाल के लेखा-जोखा में आया था जो अभय प्रताप गांव के बाहर मजदूरों से कम कर रहे थे तभी गांव के ओबीसी समाज विनोद यादव नागेंद्र यादव प्रताप से झगड़ा करने लगे बातों ही बातों में बहस होने लगी कि यह काम बंद करवाओ हमारे खेत जा रहे हैं अभय प्रताप ने उन लोगों को बताया कि यह मैं काम शुरू नहीं करवाया है सरकार ने इसकी मैप दी है लेखपाल ने आदेश दिया है जो भी कहना है लेखपाल से कहना और यह कहकर वहां से अजय प्रताप काम की छुट्टी करवा कर चले आए रास्ते में रास्ते में विनोद यादव बगीचे में चारपाई डालें बैठा था और अभय प्रताप से कहने लगा आओ बैठो आकर चलो जो हुआ सब ठीक है लेखपाल ने नपा है तो सही है विश्वास में जाकर उसके पास चारपाई में बैठ गया जैसे ही बैठा वैसे ही तुरंत नागेंद्र यादव ने और विनोद यादव ने दोनों व्यक्ति अजय प्रताप को मरने लगे और जाति सूचक गाली देने वालों की कैसे तू साला चमार मेरी चारपाई पर बैठ गया और मरते-मरते अधमरा कर दिया रास्ते से जा रहे थे रामबाबू जो की सिमरनपुर गांव के निवासी थे उन्होंने जैसे देखा मारपीट हो रही है तो रुक गए और बीच बचाओ किया उमा भारती को जैसे ही पता चला कि उसके पति के साथ मारपीट की है वह दौड़ते हुए गांव की बहार गई और उसने पुलिस को फोन किया पुलिस ने एंबुलेंस बुलाया और घाटमपुर सरकारी अस्पताल में अजय प्रताप का इलाज चल महिला प्रधान के पति के साथ हुई घटना पुलिस ने गंभीर रूप से लिया और सरकारी काम में दखल देने पर आरोपियों पर अलग से कार्रवाई की गई पीड़ित उमा भारती महिला प्रधान अजय प्रताप सिंह की फिर सही धाराओं में दर्ज की गई